गिल्लू - महादेवी वर्मा
एक बार लेखिका मोटर दुर्घटना में घायल हो गई और उसे कई दिन तक अस्पताल में रहना पड़ा। अस्पताल से घर आने पर गिल्लू ने उसकी सेवा की। वह लेखिका के पास बैठा रहता। वह तकिए पर सिरहाने बैठकर अपने नन्हे नन्हे पंजो से लेखिका के सिर और बालों को इस प्रकार सहलाता रहता जिस प्रकार कोई सेविका हल्के हाथों से मालिश करती है। जब तक गिल्लू सिरहाने बैठा रहता लेखिका को ऐसा प्रतीत होता मानो कोई सेविका उसकी सेवा कर रही है। उसका वहाँ से हटना लेखिका को किसी परिचारिका के हटने के समान लगता। इस प्रकार लेखिका की अस्वस्थता में गिल्लू ने परिचारिका की भूमिका निभाई।
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