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गिल्लू - महादेवी वर्मा

Question
CBSEENHN9001104

गिल्लू की किन चेष्टाओं से यह आभास मिलने लगा था कि अब उसका अंत समय समीप है?

Solution
गिलहरी के जीवन की अवधि लगभग दो वर्ष होती है। जब गिल्लू का अंत समय आया तो उसने दिन रात कुछ नही खाया। वह घर से बाहर भी नही गया। वह अपने अंतिम समय में अपने झूले से उतरकर लेखिका के बिस्तर पर निष्चेष्ट लेट गया उसके पंजे पूरी तरह ठंढे पड़ चुके थे। वह अपने ठंडे पंजो से लेखिका की उंगली पकड़कर उसके हाथ से चिपक गया। लेखिका ने हीटर जलाकर उसे गर्मी देने का प्रयास किया किंतु कोई लाभ न हुआ। प्रात: काल होने तक गिल्लू की मृत्यु हो चुकी थी।

Some More Questions From गिल्लू - महादेवी वर्मा Chapter

गिल्लू को मुक्त करने की आवश्यकता क्यों समझी गई और उसके लिए लेखिका ने क्या उपाय किया?

गिल्लू किन अर्थो में परिचारिका की भूमिका निभा रहा था?

गिल्लू की किन चेष्टाओं से यह आभास मिलने लगा था कि अब उसका अंत समय समीप है?

‘प्रभात की प्रथम किरण के स्पर्श के साथ ही वह किसी और जीवन में जागने के लिए सो गया’- का आश्य स्पष्ट कीजिए।

सोनजूही की लता के नीचे बनी गिल्लू की समाधि से लेखिका के मन में किस विश्वास का जन्म होता है?

गिलहरी का नाम गिल्लू कैसे पड़ा?

भूख लगने पर गिल्लू किस तरह संकेत देता था? उसे भोजन कैसे मिलता था?

गिल्लू महादेवी को चौंकाने के लिए क्या करता था?

गिल्लू भोजन किस प्रकार करता था?