गिल्लू - महादेवी वर्मा

Question

गिलहरी के घायल बच्चे का उपचार किस प्रकार किया गया?

Answer

लेखिका ने दो कौओं की चोंच से घायल, गिलहरी के बच्चे को उठा लिया। वह कौओं द्वारा चोच मारे जाने से बिल्कुल निश्चेन्त-सा गमले से चिपटा पड़ा था। लेखिका उसे उठाकर अपने कमरे में ले आईं और रूई से उसका खून पोंछकर उसके घावों पर पेंसिलिन का मरहम लगाया। लेखिका ने रूई की पतली बत्तीं दूध से भिगोकर बार-बार उसके नन्हें मुँह पर लगाई किन्तु उसका मुँह पूरी तरह खुल नहीं पाता था इसलिए वह पी न सका। तब काफी देर तक लेखिका उसका उपचार करती रही और उसके मुँह में पानी की बूँद टपकाने में सफल हो सकी। लेखिका के इस प्रकार के उपचार के तीन दिन बाद ही गिलहरी का बच्चा पूरी तरह अच्छा और स्वस्थ हो गया।

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Some More Questions From गिल्लू - महादेवी वर्मा Chapter

सोनजूही में लगी पीली कली को देख लेखिका के मन कौन से विचार उमड़ने लगे?

पाठ के आधार पर कौए को एक साथ समादरित और अनादरित प्राणी क्यों कहा गया है?

गिलहरी के घायल बच्चे का उपचार किस प्रकार किया गया?

लेखिका का ध्यान आकर्षित करने के लिए गिल्लू क्या करता था?

गिल्लू को मुक्त करने की आवश्यकता क्यों समझी गई और उसके लिए लेखिका ने क्या उपाय किया?

गिल्लू किन अर्थो में परिचारिका की भूमिका निभा रहा था?

गिल्लू की किन चेष्टाओं से यह आभास मिलने लगा था कि अब उसका अंत समय समीप है?

‘प्रभात की प्रथम किरण के स्पर्श के साथ ही वह किसी और जीवन में जागने के लिए सो गया’- का आश्य स्पष्ट कीजिए।

सोनजूही की लता के नीचे बनी गिल्लू की समाधि से लेखिका के मन में किस विश्वास का जन्म होता है?

गिलहरी का नाम गिल्लू कैसे पड़ा?