ग्राम श्री
भाव स्पष्ट कीजिए -
बालू के साँपों से अंकित
गंगा की सतरंगी रेती
प्रस्तुत पंक्तियों में गंगा नदी के किनारे फैली रेत को सतरंगी कहा है। पानी की लहरों और हवा के कारण इस पर टेढ़ी-मेढ़ी रेखाएँ पड़ जाती है, जो सूरज के प्रभाव से चमकने लगती हैं और ये रेखाएँ टेढ़ी चाल चलने वाले साँपों के समान प्रतीत होती हैं
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भाव स्पष्ट कीजिए -
बालू के साँपों से अंकित
गंगा की सतरंगी रेती
भाव स्पष्ट कीजिए -
हँसमुख हरियाली हिम-आतप
सुख से अलसाए-से सोए
निम्न पंक्तियों में कौन-सा अलंकार है?
तिनकों के हरे हरे तन पर
हिल हरित रुधिर है रहा झलक
इस कविता में जिस गाँव का चित्रण हुआ है वह भारत के किस भू-भाग पर स्थित है?
भाव और भाषा की दृष्टि से आपको यह कविता कैसी लगी? उसका वर्णन अपने शब्दों में कीजिए।
आप जहाँ रहते हैं उस इलाके के किसी मौसम विशेष के सौंदर्य को कविता या गद्य में वर्णित कीजिए।
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