भाव स्पष्ट कीजिए -
बालू के साँपों से अंकित
गंगा की सतरंगी रेती
प्रस्तुत पंक्तियों में गंगा नदी के किनारे फैली रेत को सतरंगी कहा है। पानी की लहरों और हवा के कारण इस पर टेढ़ी-मेढ़ी रेखाएँ पड़ जाती है, जो सूरज के प्रभाव से चमकने लगती हैं और ये रेखाएँ टेढ़ी चाल चलने वाले साँपों के समान प्रतीत होती हैं