आदमीनामा - नज़ीर अकबराबादी

Question

निम्नलिखित पंक्तिओं को पढ़कर पूछे गए प्रशनों के उत्तर दीजिये:
अशराफ़ और कमीने से ले शाह ता वज़ीर
ये आदमी ही करते हैं सब कारे दिलपज़ीर
यां आदमी मुरीद है और आदमी ही पीर
अच्छा भी आदमी ही कहाता है ए नज़ीर
और सबमें जो बुरा है सो है वो भी आदमी

आदमी क्या-क्या करता हैं?
  • कुरान शरीफ का अर्थ बताने वाला 
  • राजा
  • मंत्री
  • उपरोक्त सभी

Answer

D.

उपरोक्त सभी

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Some More Questions From आदमीनामा - नज़ीर अकबराबादी Chapter

निम्नलिखत प्रशनों के उत्तर दीजिए-
आदमी की प्रवृत्तियों का उल्लेख कीजिए।

निम्नलिखत अंशों की व्याख्या कीजिए-
दुनिया में बादशाह है सो है वह भी आदमी
और मुफ़लिस—ओ—गदा है सी है वो भी आदमी

निम्नलिखत अंशों की व्याख्या कीजिए-
अशराफ़ और कमीने से ले शाह ता वज़ीर
ये आदमी ही करते हैं सब कारे दिलपज़ीर

निम्नलिखित में अभिव्यक्त व्यंग्य को स्पष्ट कीजिए-
पढ़ते हैं आदमी ही कुरआन और नमाज़ यां
और आदमी ही उनकी चुराते हैं जूतियाँ
जो उनकी ताड़ता है सो है वो भी आदमी

निम्नलिखित में अभिव्यक्त व्यंग्य को स्पष्ट कीजिए-
पगड़ी भी आदमी की उतारे है आदमी
चिल्ला के आदमी को पुकारे है आदमी
और सुनके दौड़ता है सो है वो भी आदमी।

नीचे लिखे शब्दों का उच्चारण कीजिए और समझिए कि किस प्रकार नुक्ते के कारण उनमें अर्थ परिवर्तन आ गया है।
राज़ (रहस्य)        फ़न (कौशल)
राज (शासन)       फ़न (साँप का मुँह)
जरा (थोड़ा)        फ़लक (आकाश)
जरा (बुढ़ापा)      फ़लक (लकड़ी का तख्ता)
ज़ फ से युक्त दो-दो शब्दों को और लिखिए।

निम्नलिखित मुहावरों का प्रयोग वाक्य में कीजिए-
(क) टुकड़े चबाना
(ख) पगड़ी उतारना
(ग) मुरीद होना
(घ) जान वारना
(ङ) तेग मारना

कवि ने कविता में ‘आदमी’ शब्द की पुनरावृत्ति किस उद्देश्य से की है?

 

आदमी का आचरण कैसा होना चाहिए? कविता के आधार पर लिखिए।

निम्नलिखित पंक्तिओं का भाव पक्ष लिखिए।
दुनिया में बादशाह है सो है वह भी आदमी
और मुफ़लिस-ओ-गदा है सो है वो भी आदमी
ज़रदार बेनवा है सो है वो भी आदमी
निअमत जो खा रहा है सो है वो भी आदमी
टुकड़े चबा रहा है सी है वो भी आदमी