आदमीनामा - नज़ीर अकबराबादी

Question

निम्नलिखित पंक्तिओं को पढ़कर पूछे गए प्रशनों के उत्तर दीजिये
मसज़िद भी आदमी ने बनाई है या, मियाँ
बनते हैं आदमी ही इमाम और खुतबाख्वाँ
पढ़ते हैं आदमी हो कुरआन और नमाज़ यां
और आदमी ही उनकी चुराते हैं जूतियाँ
जो उनको, ताड़ता  है सो है वो भी आदमी

आदमी ने क्या बनाया है?

  • मन्दिर
  • गुरूद्वारा
  • मसज़िद
  • उपयुक्त तीनों

Answer

D.

उपयुक्त तीनों

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Some More Questions From आदमीनामा - नज़ीर अकबराबादी Chapter

निम्नलिखत प्रशनों के उत्तर दीजिए-
चारों छदं में कवि ने आदमी के सकारात्मक और नकारात्मक रूपों को परस्पर किन-किन रूपों में रखा है? अपने शब्दों में स्पष्ट कीजिए।

निम्नलिखत प्रशनों के उत्तर दीजिए-
‘आदमी नामा’ शीर्षक कविता के इन अंशों को पढ़कर आपके मन में मनुष्य के प्रति क्या धारणा बनती हैं?

निम्नलिखत प्रशनों के उत्तर दीजिए-
इस कविता का कौन-सा भाग आपको सबसे अच्छा लगा और क्यों?

निम्नलिखत प्रशनों के उत्तर दीजिए-
आदमी की प्रवृत्तियों का उल्लेख कीजिए।

निम्नलिखत अंशों की व्याख्या कीजिए-
दुनिया में बादशाह है सो है वह भी आदमी
और मुफ़लिस—ओ—गदा है सी है वो भी आदमी

निम्नलिखत अंशों की व्याख्या कीजिए-
अशराफ़ और कमीने से ले शाह ता वज़ीर
ये आदमी ही करते हैं सब कारे दिलपज़ीर

निम्नलिखित में अभिव्यक्त व्यंग्य को स्पष्ट कीजिए-
पढ़ते हैं आदमी ही कुरआन और नमाज़ यां
और आदमी ही उनकी चुराते हैं जूतियाँ
जो उनकी ताड़ता है सो है वो भी आदमी

निम्नलिखित में अभिव्यक्त व्यंग्य को स्पष्ट कीजिए-
पगड़ी भी आदमी की उतारे है आदमी
चिल्ला के आदमी को पुकारे है आदमी
और सुनके दौड़ता है सो है वो भी आदमी।

नीचे लिखे शब्दों का उच्चारण कीजिए और समझिए कि किस प्रकार नुक्ते के कारण उनमें अर्थ परिवर्तन आ गया है।
राज़ (रहस्य)        फ़न (कौशल)
राज (शासन)       फ़न (साँप का मुँह)
जरा (थोड़ा)        फ़लक (आकाश)
जरा (बुढ़ापा)      फ़लक (लकड़ी का तख्ता)
ज़ फ से युक्त दो-दो शब्दों को और लिखिए।

निम्नलिखित मुहावरों का प्रयोग वाक्य में कीजिए-
(क) टुकड़े चबाना
(ख) पगड़ी उतारना
(ग) मुरीद होना
(घ) जान वारना
(ङ) तेग मारना