साधारण मनुष्यों के पास सोचने-विचारने की शक्ति नहीं होती। उनके मन में धर्म के नाम पर ऐसी भक्ति होती है कि वे धर्म के विरूद्ध बात आते ही गुस्सा हो जाते हैं। इसलिए लोग धर्म के नाम पर उबल पड़ते हैं।
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Some More Questions From धर्म की आड़ - गणेशशंकर विद्यार्थी Chapter