धर्म की आड़ - गणेशशंकर विद्यार्थी
चालाक लोग साधारण आदमी की धर्म के प्रति निष्ठा का लाभ उठाते हैं। साधारण आदमी धर्म के बारे में अधिक नहीं जानता। वे लोग उसकी अज्ञानता का लाभ उठाकर उसी शक्तियों और उत्साह का शोषण करते हैं। साधारण आदमी उन लोगों के भड़काने एवं बहकावे में आ जाता है और चालाक आदमी अनेक प्रकार से अपने स्वार्थों की पूर्ति करता है। वह आस्थावान धार्मिक लोगों को मरने-मारने के लिए छोड़ देता है। इस प्रकार चालाक आदमी का काम बन जाता है। और वह अपना नेतृत्व और बड़प्पन कायम करने में सफल हो जाता है।
Sponsor Area
Sponsor Area
Sponsor Area