कीचड़ का काव्य - काका कालेलकर

Question

(क) निन्नलिखित प्रशनों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
ज़मीन ठोस होने पर उस पर किनके पदचिह्न अंकित होते हैं?

Answer

ज़मीन ठोस होने पर उस पर गाय, बैल, भैंस, बकरी आदि के पद-चिह्न अंकित होते हैं। ये जानवर, कीचड़ की ठोस जमीन पर ही अपने पैरों के निशान अंकित करते हैं तब वह शोभा देखते ही बनती है। इस जमीन पर जब दो मदमस्त पाड़े लड़ते है तब उनके पद्‌चिह्न और सींगों के चिहन अनोखी शोभा उत्पन्न करते हैं। ये चिहन ऐसे प्रतीत होते है जैसे महिषकुल के भारतीय युद्ध का पूरा इतिहास लिख दिया गया हो। इसकी शोभा अलग सी प्रतीत होती है।

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Some More Questions From कीचड़ का काव्य - काका कालेलकर Chapter

निम्नलिखित गद्यांशों को पढ़कर पूछे गये प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
फिर जब कीचड़ ज्यादा सूखकर ज़मीन ठोस हो जाए, तब गाय, बैल, पाड़े, भैंस, भेड़, बकरे इत्यादि के पदचिन्ह उस पर अंकित होते हैं उनकी शोभा और ही है। और फिर जब दो मदमस्त पाड़े अपने सींगों से कीचड़ को रौंदकर आपस में लड़ते हैं तब नदी किनारे अंकित पदचिन्ह ओर सींगों के चिन्हों से मानो महिषकुल के भारतीय युद्ध का पूरा इतिहास ही इस कर्दम लेख में लिखा हो-ऐसा भास होता है।
कीचड़ देखना हो तो गंगा के किनारे या सिंधु के किनारे और इतने से तृप्ति न हो तो सीधे खंभात पहुँचना चाहिए। वहाँ मही नदी के मुख से आगे जहाँ तक नज़र पहुँचे वहाँ तक सर्वत्र सनातन कीचड़ ही देखने को मिलेगा। इस कीचड़ में हाथी डूब जाएँगे ऐसा कहना, न शोभा दे ऐसी अल्पोक्ति करने जैसा है। पहाड़ के पहाड़ उसमें लुप्त हो जाएँगे ऐसा कहना चाहिए।
प्रशन:
(क) पाठ तथा लेखक का नाम लिखो?
(ख) कीचड़ के सूखने पर उसकी शोभा कैसे प्रकट होती है?
(ग) कीचड़ की सौदंर्य के दर्शन कहाँ-कहाँ होते है?
(घ) सबसे अधिक कीचड़ कहाँ होती है? उसकी गहराई का वर्णन कीजिए।

निम्नलिखित गद्यांशों को पढ़कर पूछे गये प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
हमारा अन्न कीचड़ में से ही पैदा होता है इसका जाग्रत भान यदि हर एक मनुष्य को होता तो वह कभी कीचड़ का तिरस्कार न करता। एक अजीब बात तो देखिए। पैक शब्द घृणास्पद लगता है, जबकि पंकज शब्द सुनते ही कवि लोग डोलने और गाने लगते हैं। मन बिलकुल मलिन माना चाता है किंतु कमल शब्द सुनते ही चित्त में प्रसन्नता और आहृदकत्व फूट पड़ते हैं। कवियों की ऐसी युक्तिशून्य वृत्ति उनके सामने हम रखें तो वे कहेंगे कि “आप वासुदेव की पूजा करते हैं इसलिए, वसुदेव को तो नहीं पूजते हीरे का भारी मूल्य देते हैं किंतु कोयले या पत्थर का नहीं देते और मोती को कंठ में बाँधकर फिरते हैं किन्तु उसकी मातुश्री को गले में नहीं बाँधते!” कम-से-कम इस विषय पर कवियों के साथ तो चर्चा न करना ही उत्तम! 
प्रशन:
(क) पाठ तथा लेखक का नाम लिखो।
(ख) किस अज्ञान के कारण मनुष्य कीचड़ का तिरस्कार करता है?
(ग) कवि की किस वृत्ति को मुक्ति शुन्य कहकर अपमानित किया गया है?
(घ) कवि कीचड़ के विरोध में क्या-क्यो तर्क देते है?

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में लिखिए-
रंग की शोभा ने क्या कर दिया?

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में लिखिए-
बादल किसकी तरह हो गए थे?

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में लिखिए-
लोग किन-किन चीज़ो का वर्णन करते हैं?

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में लिखिए-
कीचड़ से क्या होता है?

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में लिखिए-
कीचड़ जैसा रंग कौन लोग पसंद करते हैं?

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में लिखिए-
नदी के किनारे कीचड़ कब सुदंर दिखता है?

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में लिखिए-
कीचड़ कहाँ सुदंर लगता है?

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में लिखिए-
'पंक’ और पंकज शब्द में क्या अतंर है?