दुःख का अधिकार - यशपाल
जब भी कोई ऐसी परिस्थितियाँ आती है कि किसी दुखी व्यक्ति को देखकर व्यथा और दुख का भाव उत्पन्न होता है हमें उसके दुख का कारण जानने के लिए उसके समीप बैठने में हमारी पोशाक बंधन और अड़चन बन जाती है। उत्तम पोशाक हमें नीचे झुकने नहीं देती। ये हमें अमीरी का बोध कराती है। मानव-मानव के बीच दूरियां बढ़ाने का काम पोशाक करती है। ये पोशाक ही नियमों का उल्लंघन करती है। यदि हम निचली श्रेणियों के दुख को कम करके उन्हें दिलासा देना चाहते है तो ये पोशाक उसके लिए अड़चन बन जाती है।
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