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दुःख का अधिकार - यशपाल

Question
CBSEENHN9000447

(ख) निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर (50-60 शब्दों मे) लिखिए:
लेखक ने बुढ़िया के दुःख का अंदाज़ा कैसे लगाया?

Solution
लेखक को जब आस-पड़ोस वालों ने वास्तविकता बताई तो वह बुढ़िया की विवशता को समझ गए। घर में जब कमाने वाला कोई न रहे तो मौत की परवाह न करके घर से बाहर निकलना ही पड़ता है। परन्तु दूसरे लोग किसी भी परिस्थिति में चैन नहीं लेने देते। वैसे भी उन्हें गरीबों के दुःख का अंदाजा नहीं होता। लेखक इसी सोच में डूबे हुए बुढ़िया के दुःख का अंदाजा लगा रहे थे कि अमीर लोग अपने दुख को बढ़ा-चढ़ाकर वर्णन करते है। वह बेहोश होने का नाटक करते है। और कई दिनों तक बिस्तर पर पड़े रहते है। परन्तु लेखक जानते थे कि बुढ़िया अपने मन में दुःख को दबाए हुए है। अपनी बेबसी के अनुसार अपना दुःख दर्शा रही है।

Some More Questions From दुःख का अधिकार - यशपाल Chapter

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में लिखिए-
बुढ़िया को कोई भी क्यों उधार नहीं देता?

निन्नलिखित प्रशनों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
(क) 
मुनुष्य के जीवन में पोशाक का क्या महत्व है?

निन्नलिखित प्रशनों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
पोशाक हमारे लिए कब बंधन और अड़चन बन जाती है?

(क) निन्नलिखित प्रशनों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
लेखक उस स्त्री के रोने का कारण क्यों नहीं जान पाया?

(क) निन्नलिखित प्रशनों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
भगवाना अपने परिवार का निर्वाह कैसे करता था?

(क) निन्नलिखित प्रशनों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
लड़के की मृत्यु के दूसरे ही दिन बुढ़िया खरबूज़े बेचने क्यों चल पड़ी?

(क) निन्नलिखित प्रशनों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
बुढ़िया के दु:ख को देखकर लेखक को अपने पड़ोस की सभ्रांत महिला की याद क्यों आई?

(ख) निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर (50-60 शब्दों मे) लिखिए:
बाज़ार के लोग खरबूज़े बेचनेवाली स्त्री के बारे में क्या-क्या कह रहे थे? अपने शब्दों में लिखिए।



(ख) निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर (50-60 शब्दों मे) लिखिए:
पास-पड़ोस की दुकानों से पूछने पर लेखक को क्या पता चला?

(ख) निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर (50-60 शब्दों मे) लिखिए:
लड़के को बचाने के लिए बुढ़िया माँ ने क्या-क्या उपाय किए?