दोहे - रहीम
रहीम जी करते हैं- दोहा छंद ऐसा हैं जिसमें अक्षर तो थोड़े होते है किन्तु उनमें बहुत गहरा और दीर्घ अर्थ छिपा रहता है जिस प्रकार कोई कुशल बाजीगर अपने शरीर को सिकोड़कर तंग मुँह वाली कुंडली के बीच में से कुशलतापूर्वक निकल जाता है उसी प्रकार कुशल दोहाकार दोहे के सीमित से शब्दों में बहुत बड़ी और गहरी बात कह जाता है।
Sponsor Area
उदाहरण के आधार पर पाठ में आए निन्नलिखित शब्दों के प्रचलित रूप लिखिए-
उदाहरण : कोय - कोई, जे - जो
ज्यों ................. कछु ............
नहिं ................. कोय ............
धनि ................. आखर ............
जिय ................. थोरे ............
होय ................. माखन ............
तरवारि ................. सींचिबो ............
मूलहिं ................. पिअत ............
पिआसो ................. बिगरी ............
आवे ................. सहाय ............
ऊबरेे ................. बिनु ............
बिंथा ................. अठिलैहैं ............
परिजाय .................
Sponsor Area
Sponsor Area