कवि ने किस दृष्टांत द्वारा सिद्ध किया है कि बिगड़ी बात नहीं बन सकती?
Answer
Short Answer
कवि कहते हैं कि जिस तरह फटे हुए दूध को मथकर मक्खन नहीं निकाला जा सकता, उसी तरह बिगड़ी हुई बात को लाख प्रयत्न करने पर भी सुधारा नहीं जा सकता। अत: व्यक्ति को सोच समझकर ही बोलना चाहिए।