दोहे - रहीम

Question

निम्नलिखित दोहों को पढ़कर उसका शिल्प सौन्दर्य लिखिए 
रहिमन निज मन की बिथा, मन ही राखो गोय
सुनि अठिलैहैं लोग सब, बॉंटि न लैहैं कोय।

Answer

1. मन की पीड़ा को किसी को न बताने का निर्देश दिया गया है।
2. ब्रज भाषा का प्रयोग दोहों में दृष्टव्य है।
3. दोहों में नीति परक तथ्यों का स्पष्टीकरण है?
4. दोहों में भावात्मक व उदाहरणात्मक शैली का प्रयोग हुआ है।
5. दोहा छंद का प्रयोग हुआ है।
6. भाषा सरल, सरस व प्रभावशाली है।
7. भाषा में लयात्मकता व गीतात्मकता है।
8. उदाहरण अलंकार का प्रयोग हुआ है।

 

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निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए-
सुनि अठिलैहैं लोग सब, बाँटि न लैहैं कोय।

निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए-
रहिमन मूलहिं सींचिबो, फूलै फलै अघाय।

निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए-
दीरघ दोहा अरथ के, आखर थोरे आहिं।

निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए-
नाद रीझि तन देत मृग, नर धन हेत समेत।

निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए-
जहाँ काम आवे सुई, कहा करे तरवारि।

निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए-
पानी गए न ऊबरे, मोती, मानुष, चूना

निम्नलिखित भाव को पाठ में किन पंक्तियों द्वारा अभिव्यक्त किया गया है-
जिस पर विपदा पड़ती है वही इस देश में आता है।

निम्नलिखित भाव को पाठ में किन पंक्तियों द्वारा अभिव्यक्त किया गया है-
कोई लाख कोशिश करे पर बिगड़ी बात फिर बन नहीं सकती।

निम्नलिखित भाव को पाठ में किन पंक्तियों द्वारा अभिव्यक्त किया गया है-
पानी के बिना सब सूना है अत: पानी अवश्य रखना चाहिए।

 उदाहरण के आधार पर पाठ में आए निन्नलिखित शब्दों के प्रचलित रूप लिखिए-
उदाहरण : कोय - कोई, जे - जो
ज्यों ................. कछु ............
नहिं ................. कोय ............
धनि ................. आखर ............
जिय ................. थोरे ............
होय ................. माखन ............
तरवारि ................. सींचिबो ............
मूलहिं ................. पिअत ............
पिआसो ................. बिगरी ............
आवे ................. सहाय ............
ऊबरेे ................. बिनु ............
बिंथा ................. अठिलैहैं ............
परिजाय .................