अंतिम दौर-एक
राजा राममोहन राय ने समाचार पत्रों को बढ़ावा दिया क्योंकि वे सोचते थे कि ये लोगों के मानस पटल पर गहरा प्रभाव डालते हैं और राष्ट्रीय जागरण में सहायक सिद्ध होंगे। उन्हीं के प्रयासों से सर्वप्रथम बंगाली में एक मासिक व एक साप्ताहिक समाचार पत्र निकला। भारतीय भाषा में प्रकाशित होने वाले ये पहले पत्र थे। इसके पश्चात कलकत्ता, मद्रास और मुंबई में समाचार पत्र व पत्रिकाएँ तेजी से निकली।
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