नीचे लिखे गद्यांश को पढ़िए और पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए- “इस गवरइया ने जो भी काम करवाया उसमें आधा हिस्सा दे देती थी। जिसके पास बहुत कुछ है, वह कुछ भी नहीं देता। इसके पास कुछ भी नहीं था फिर भी यह आधा दे देती थी। इसीलिए इसके काम में अपने-आप नफासत आती गई. सरकार।” धुनिया दंडवत पर दंडवत किए जा रहा था। “देख ले-देख ले, राजा! ... आँख में अँगुली डालकर देख ले। इसके लिए पूरे मोल चुकाए हैं। बेगार की नहीं है यह।” गवरइया फिर चिल्लाने लगी. ‘‘यह राजा तो कंगाल है। निरा कंगाल। इसका धन घट गया लगता है। इसे टोपी तक नहीं जुरती ... तभी तो इसने मेरी टोपी छीन ली।”
धुनिया ने राजा को गवरइया की मजूरी के बारे में क्या बताया?