दिए गए संकेत-बिन्दुओं के आधार पर किसी एक विषय पर लगभग 80 − 100 शब्दों में एक अनुच्छेद लिखिए :
(क) महँगाई के बढ़ते कदम
• कारण
• प्रभाव
• दूर करने के उपाय
(ख) मानवता − सबसे श्रेष्ठ धर्म
• मानवता क्या है?
• महापुरुषों का उल्लेख
• लाभ
(ग) बढ़ता आतंकवाद
• कारण और रुप
• विश्व-स्तर पर प्रभाव
• दूर करने के सुझाव
(क)महँगाई के बढ़ते कदम
जमाखोरी, अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में मंदी, मौसम की मार इत्यादि कारण महँगाई को बढ़ाते हैं। इनके प्रभाव से वस्तुओं की कीमतों पर उछाल आ जाता है और महँगाई बढ़ जाती है। आज खान-पान, वस्त्रों, घरेलू समानों, रेल-टिकटों, हवाई जहाज़ यात्रा, और पेट्रोल-डीजल की कीमतों में वृद्धि दिखाई दे रही हैं। इससे सबसे अधिक प्रभावित आम-आदमी होता है। आमदनी का दायरा सीमित है परन्तु महँगाई का असीमित। इससे लोगों के जीवन पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। खाने तथा अन्य सामानों पर वृद्धि उनके जीवन को कठिन बना देती है। भुखे मरने तक की नौबत आ जाती है। लोगों को घर चलाने के लिए अन्य साधनों को तलाशना पड़ता है। सरकार को चाहिए कि वस्तुओं तथा खाने-पीने के सामानों की जमाखोरी को रोके। देश की आर्थिक व्यवस्था को मज़बूत बनाएँ, जिससे अंतराराष्ट्रीय बाज़ार में उत्पन्न मंदी से देश को बचाया जा सके। मौसम के प्रभाव से बचने के लिए पहले से ही आवश्यक कदम उठाएँ जाएँ।
(ख)मानवता − सबसे श्रेष्ठ धर्म
दूसरे प्राणियों के प्रति सेवाभाव, कल्याण की भावना और परोपकार को मानवता कहा जाता है। मानवता के कारण ही हम मानव कहलाते हैं। मानवता हमें मानव मात्र से नहीं अपितु संसार के हर प्राणी से प्रेम करना सिखाती है। इतिहास में ऐसे अनेक उदाहरण विद्यमान हैं, जिन्होंने मानवता की सेवा के लिए अपना जीवन न्योछावर कर दिया। इसमें कर्ण, ऋषि दधीचि, राजा उशीनर, मदर टेरेसा, महात्मा गाँधी का नाम उल्लेखनीय हैं। मानवता ऐसा भाव है, जिसमें हानि के स्थान पर लाभ ही लाभ हैं। इससे मानव जाति का कल्याण होता है। प्रेम और भाईचारे का प्रसार होता है। लोगों को जीने का उद्देश्य प्राप्त होता है। आज मानवता के कारण ही यह संसार जीने योग्य है।
(ग)बढ़ता आतंकवाद
आतंकवाद आंतरिक विद्रोह से जन्म लेता है। जब यह देश से बाहर व्यापक स्तर पर फैल जाता है, तो आतंकवाद का रूप धारण कर लेता है। अलकायदा और तालिबान गुट इसके सबसे बड़े उदाहरण है। आतंकवाद का भयानक रूप हिंसा है। आज यह विश्व के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। किसी भी देश की आर्थिक व्यवस्था और उसकी सुरक्षा पर एक सवालिए निशान की भांति है। आतंकवादी घटनाओं ने विश्व में आतंक मचाया हुआ है। विश्व में लाखों-करोड़ों बेकसूर लोग इसके शिकार हो रहे हैं। विश्व में इस विषय पर सबको एक हो जाना चाहिए और इसके लिए विश्वव्यापी प्रयास करने चाहिए। लोगों को इस विषय पर जागरूक करना चाहिए क्योंकि आतंकवादी गुट लोगों को गुमराह करके फलते-फूलते हैं।