निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सही उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिएः
देखकर बाधा विविध, बहु विघ्न घबराते नहीं।
रह भरोसे भाग के दुख भोग पछताते नहीं।
काम कितना ही कठिन हो किन्तु उकताते नहीं,
भीड़ में चंचल बने जो वीर दिखलाते नहीं।
हो गए इक आन में उनके बुरे दिन भी भले,
सब जगह सब काल में वे ही मिले फूले-फले।।
चिलचिलाती धूप को जो चाँदनी देवें बना,
काम पड़ने पर करें जो शेर का भी सामना।
जो कि हँस-हँस के चबा लेते हैं लोहे का चना,
है कठिन कुछ भी नहीं जिनके है जी में यह ठना।।
(i) पद्यांश में किन व्यक्तियों की ओर संकेत किया गया है?
(क) जो बाधाओं से घबराते नहीं
(ख) जो अपने कर्तव्यों से विमुख हैं
(ग) जो भाग्य के सहारे रहते हैं
(घ) जो परिश्रम नहीं करना चाहते हैं
(ii) दुख आने पर कैसे व्यक्ति घबराते नहीं हैं?
(क) जो भाग्य को वश में कर लेते हैं
(ख) जिन्हें अपने परिश्रम का भरोसा होता है
(ग) जो अपनी वीरता का बखान करते रहते हैं
(घ) जो सदा फूले-फले रहते हैं
(iii) उनके बुरे दिन भले में क्यों बदल जाते हैं?
(क) दूसरों की निंदा करने के कारण
(ख) अपनी तारीफ करते रहने के कारण
(ग) लक्ष्य की ओर दृढ़निश्चय के कारण
(घ) लक्ष्य की ओर ध्यान नहीं देने के कारण
(iv) ‘धूप को चाँदनी बना देने’ का तात्पर्य है
(क) कठिनाइयों में हँसते रहना
(ख) कठिनाइयों को सरल बना देना
(ग) कठिनाइयों का सामना करना
(घ) कठिन परिस्थितियों में काम करना
(v) ‘लोहे के चने चबाना’ का भाव है
(क) दृढ़ संकल्प बने रहना
(ख) कठिनाइयों को झेलना
(ग) कठोर परिश्रम करना
(घ) गंभीर संकट झेलना
(i) (क) जो बाधाओं से घबराते नहीं
(ii) (ख) जिन्हें अपने परिश्रम का भरोसा होता है
(iii) (ग) लक्ष्य की ओर दृढ़-निश्चय के कारण
(iv) (ख) कठिनाइयों को सरल बना देना
(v) (ख) कठिनाइयों को झेलना