वनोन्मूलन से एक ओर जहाँ वर्षा में कमी आती है तो दूसरी ओर बाढ़ आना कैसे संभव हो सकता है?
वनोन्मूलन से कम वृक्षों की वजह से कार्बन डाइऑक्साइड के उपयोग में कमी आई है, जिससे वायुमंडल में इसकी मात्रा बढ़ गई है। क्योंकि कार्बन डाइऑक्साइड पृथ्वी द्वारा उत्सर्जित उष्मीय विकिरणों का परग्रहण कर लेती है, अत: इसकी कम मात्रा के परिणामस्वरूप विश्व उष्णन हो रहा है। पृथ्वी के ताप में वृद्धि से जलचक्र का संतुलन बिगड़ गया है, जिससे वर्षा दर में कमी हुई है।
वनोन्मूलन से पर्यावरण प्रभावित होता है और पृथ्वी का तापमान बढ़ता है जिसकी वजह से बड़े-बड़े ग्लेसियर पिघल रहे है और बाढ़ का खतरा बढ़ जाता है।