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मानव नेत्र तथा रंगबिरंगा संसार

Question
CBSEHHISCH10015423

प्रातःकाल सूर्य रक्ताभ प्रतीत क्यों होता है? क्या कोई प्रेक्षक इस परिघटना का प्रेक्षक चन्द्रमा पर भी कर सकता है? अपने उत्तर की कारण सहित पुष्टि कीजिए।

Solution
WiredFaculty

1. सूरज पृथ्वी के क्षितिज के पास स्थित है, सूर्योदय के दौरान, प्रकाश पृथ्वी के वायुमंडल के माध्यम से एक लंबी दूरी की यात्रा करता है।
2. वायुमंडल में निलंबित कणों की तरंग दैर्ध्य नीले प्रकाश की तरंग दैर्ध्य के समान होती है।
3. जब सूर्य के प्रकाश वायुमंडल पर पड़ता है, तो इन वायुमंडलीय कणों से नीला प्रकाश फैलाता है।
4. पृथ्वी की सतह तक पहुंचने वाला प्रकाश मुख्य रूप से लाल है इसलिए, सूरज और इसके आसपास लाल दिखाई देता है,और कम बिखरा हुआ लाल रंग हमारी आंखों तक पहुंचता है।
चंद्रमा की सतह पर वायुमंडल की अनुपस्थिति की वजह से एक ही घटना चंद्रमा में नहीं देखी जाएगी। इसलिए, कोई भी बिखरा हुआ प्रकाश नहीं होगा और अंधेरे दिखाई देगा।

Some More Questions From मानव नेत्र तथा रंगबिरंगा संसार Chapter

अंतिम पंक्ति में बैठे किसी विद्यार्थी को श्यामपट्ट पढ़ने में कठिनाई होती है वह विद्यार्थी किस दृष्टि दोष से पीड़ित है उसे किस प्रकार संशोधित किया जा सकता?

मानव नेत्र अभिनेत्र लेंस की फोकस दूरी को समायोजित कर के विभिन्न दूरियों पर रखी वस्तुओं को फोकसित कर सकता है ऐसा हो पाने का कारण है-

मानव नेत्र जिस  भाग पर  वस्तु  का प्रतिबिम्ब बनाते है, वह है -

सामान्य दृष्टि के वयस्क के लिया दर्शन की अल्पतम दूरी होती  है, लगभग-

अभिनेत्र लेंस की फोकस दूरी में परिवर्तन किया जाता है -

सामान्य नेत्र 25 सेंटीमीटर से निकट रखी वस्तुओं को सुस्पष्ट क्यों नहीं देख पाते ?

जब हम नेत्र से किसी वस्तु की दूरी को बढ़ा देते हैं तो नेत्र की प्रतिबिंब दूरी का क्या होता है?