गैसों के विनियम के लिए मानव-फुफ्फस में अधिकतम क्षेत्रफल को कैसे अभिकल्पित किया है?
श्वसन मार्ग, श्वास नली तथा श्वसनी वक्षगुहा में स्थित एक जोड़ी फुफ्फुस में जाती हैं। फुफ्फुस के अंदर श्वसनी श्वसनिकाओं में विभक्त होती हैं जो अंत में गुब्बारे की तरह की संरचनाओं, जिन्हें कुपिकाएँ कहते हैं, के रूप में समाप्त होती हैं। कुप्पुकाओं की भित्ति में रक्त वाहिकाओं का जाल होता है। कुपिकाओं की सतह पर गैसीय विनियम होता है। यदि कुपिकाओं की सतह को बिछाया जाए तो ये लगभग 80 m2 स्थान घेरती हैं। इस वृहत सतह के कारण गैसों का विनियम दक्षतापूर्वक हो जाता है।