Question
महाजनपदों के विशिष्ट अभिलक्षणों का वर्णन कीजिए।
Solution
छठी सदी ई०पू० के बौद्ध और जैन ग्रंथों में हमें 16 महाजनपदों का उल्लेख मिलता है। बौद्ध ग्रंथ अंगुत्तर निकाय में हमें इन राज्यों के नामों का उल्लेख मिलता हैं।
विशिष्ट अभिलक्षण - इन महाजनपदों के विशिष्ट अभिलक्षण निम्नलिखित प्रकार से हैं:
- अधिकांश जनपदों में राजतंत्रात्मक प्रणाली थी जिसमें राजा सर्वोच्च व वंशानुगत था, लेकिन निरंकुश नहीं था। मन्त्रिपरिषद् अयोग्य राजा को पद से हटा दिया करती थी।
- कुछ महाजनपदों में गणतंत्रीय व्यवस्था थी। इन्हें गण या संघ कहते थे। गणराज्यों का मुखिया 'गणमुख्य' कहलाता था। जनता द्वारा चुने हुए प्रतिनिधि शासन करते थे। ये 'राजन' (राजा) कहलाते थे। वह अपनी
परिषद् के सहयोग से राज्य करता था। वस्तुत: इन गण राज्यों में कुछ लोगों के समूह का शासन होता था। - प्रत्येक महाजनपद की अपनी राजधानी थी जिसकी किलेबंदी की जाती थी।
- इस काल में रचित धर्मशास्त्रों में शासक तथा लोगों के लिए नियमों का निर्धारण किया गया है। इन शास्त्रों में राजा को यह सलाह दी गई कि वह कृषकों, व्यापारियों और दस्तकारों से कर प्राप्त करे। पड़ोसी राज्य पर हमला कर धन लूटना या प्राप्त करना वैध उपाय बताया गया।
- धीरे-धीरे इनमें से कई राज्यों ने स्थायी सेना और नौकरशाही तंत्र का गठन कर लिया था परंतु कुछ राज्य अभी भी अस्थायी सेना पर निर्भर थे।