निम्नलिखित काव्यांशों को पढ़कर पूछे गए प्रश्नो के उत्तर दीजिए:
रुदध कोष है, क्षुब्धतोष
अंगना-अंग से लिपटे भी
आतंक अंक पर काँप रहे हैं
धनी, वज्र गर्जन से बादल।
त्रस्त नयन, मुख ढाँप रहे हैं।
जीर्ण बाहु, है शीर्ण शरीर।
तुझे बुलाता कृषक अधीर,
ऐ विप्लव के वीर।
1. ‘विप्लव के वीर’ किसे कहा गया है और क्यों?
2. बादलों को बुलाने में कृषक की अधीरता का कारण स्पष्ट कीजिए।
3. काव्यांश के आधार पर शोषक-समाज का चित्रण अपने शब्दों में कीजिए।
4. सुख-सुविधा भोग रहे धनी लोगों के भयभीत होने का क्या कारण है?
1. ‘विप्लव के वीर’ बादलों को कहा गया है। इसका कारण यह है कि कवि ने बादलों को क्रांति के प्रतीक के रूप में चित्रित किया है।
2. बादलों को बुलाने में कृषक की अधीरता इसलिए है क्योंकि बादलों के अभाव में उसकी दशा बहुत खराब हो रही है। उनके आने पर ही उसकी दशा सुधर पाएगी। कृषक भी शोषित वर्ग का प्रतिनिधि है। वह बादलों के रूप में क्रांति का आह्वान करता है।
3. इस काव्यांश में बताया गया है कि शोषक वर्ग (पूँजीपतियों) ने समाज के धन पर अपना कब्जा जमा रखा है, फिर भी उनके मन में और अधिक पाने के लिए असंतोष बना रहता है। वे सदा आशंकित रहते हैं। प्रिया के साथ मधुर मिलन के क्षणों में भी क्रांति को आहट उन्हें भयभीत किए रखती है। वे पूरे मन से सुख भोग भी नहीं कर पाते।
4. सुख-सुविधा भोग रहे धनी लोगों के भयभीत होने का कारण यह है कि उन्हें सदा क्रांति आने का डर बना रहता है। वे क्रांति के संभावित प्रभावों से त्रस्त रहते हैं। क्रांति का नाम ही उन्हें भयभीत कर देता है।