निम्नलिखित काव्यांशों को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
दारिद दसानन दबाई दूनी दीनबंधु,
दुरित बहन देखि तुलसी हहा करी।
1. इन पक्तियों में किस अवस्था का चित्रण हुआ है?
2. अलंकार-सौंदर्य स्पष्ट कीजिए।
3. भाषा-शैली बताइए।
1. इन काव्य-पंक्तियों में तत्कालीन आर्थिक दुरावस्था का यथार्थ चित्रण किया गया है। दरिद्रता तो रावण का रूप ले चुकी है। इसने लोगों को बुरी तरह से प्रभावित-आतंकित कर रखा है। तुलसी इस दुरावस्था को देखकर हा-हाकार कर उठते हैं।
2. दोनों काव्य-पक्तियों में ‘द’ वर्ण की आवृत्ति के कारण अनुप्रास अलंकार की छटा देखते बनती है।
दारिद दसानन (दरिद्र रूपी रावण) में रूपक अलंकार का प्रयोग है।
3. भाषा: ब्रज का प्रयोग है।
छंद: कवित्त।
रस: करुण।