निम्नलिखित काव्यांशों को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
बहुबिधि सोचत सोच बिमोचन।
सवत सलिल राजिव दल लोचन।।
1. इन पंक्तियों में राम की व्याकुलता का चित्रण किस प्रकार किया गया है?
2. इस काव्याशं के अलंकार-सौदंर्य को स्पष्ट कीजिए।
3. भाषा-शैली पर प्रकाश डालिए।
1. इन काव्य-पक्तियों में लक्ष्मण-मूर्च्छा से व्याकुल प्रभु राम की चिंताग्रस्त स्थिति का बखान है। यद्यपि प्रभु राम लोगों को सोच (चिंता) से छुटकारा दिलाने वाले हैं, पर इस समय वे स्वयं अनेक प्रकार से सोच-विचार करते प्रतीत होते हैं। इसी सोच के कारण संभावित स्थिति की कल्पना कर उनके कमल के समान नयनों से आँसू बह रहे हैं। यह दशा कुछ वैसी ही है जैसे कमल-दल से पानी की बूँदें गिरती हैं। श्रीराम की भावाकुल दशा का मार्मिक अंकन हुआ है।
2. अनेक स्थलों पर अनुप्रास अलंकार की छटा है-बहु बिधि सोचत सोच, स्रवित सलिल में।
दूसरी पंक्ति में रूपक अलंकार का सुंदर प्रयोग हुआ है।
3. भाषा: अवधी।
छंद: चौपाई।
रस: करुण।