राम कौशल्या के पुत्र थे और लक्षण सुमित्रा के। इस प्रकार वे परस्पर सहोदर (एक ही माँ के पेट से जन्मे) नहीं थे। फिर, राम ने उन्हें लक्ष्य कर ऐसा क्यों कहा-“मिलइ न जगत सहोदर भ्राता”? इस पर विचार करें।
राम लक्ष्मण को अपना सहोदर मानते थे। वे लक्ष्मण की माँ सुमित्रा को भी अपनी ही माँ मानते थे। वे माताओं में कोई अंतर नहीं करते थे। लक्ष्मण का त्याग भी सहोदर भाई से बढ़कर था। लक्ष्मण ने भी राम को सगा भाई ही माना था। तब संयुक्त परिवार प्रथा थी। यही कारण था कि वे लक्ष्मण को अपना सगा भाई बताते हैं।