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गजानन माधव मुक्तिबोध

Question
CBSEENHN12026217

निम्नलिखित काव्यांशों को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
सचमुच मुझे दंड दो कि मैं हो जाऊँ
पाताली अँधेरे की गुहाओं में विवरों में
धुएँ के बादलों में
बिल्कुल मैं लापता
लापता कि वहाँ भी तुम्हारा ही सहारा है

1.  इन पंक्तियों में कवि क्या चाह रहा है?
2.  ‘पाताली विवर’ से किस भावना की अभिव्यक्ति होती है?
3.  भाषागत सौदंर्य स्पष्ट करो।




Solution

1. इन पंक्तियों में कवि अपनी प्रेमिका से दंड चाह रहा है।
2. ‘पाताली अँधेरी गुफाओं’ ‘विवर’ आदि शब्दों में अपराध बोध की भावना अभिव्यक्त होती है।
3. भाषागत सौंदर्य:
   1. तत्सम शब्दावली का प्रयोग है।
   2. व्यंजना शब्द शक्ति का प्रयोग है।
   3. ‘लापता... है’ में विरोधाभास अलंकार है।
   4. प्रयोगवादी काव्य-शैली का श्रेष्ठ नमूना है।

Some More Questions From गजानन माधव मुक्तिबोध Chapter

कवि किस-किसको मौलिक मानता है और क्यों?

इन पर किसकी संवेदना का प्रभाव है?

इस कविता पर किस बाद का प्रभाव झलकता है?

प्रस्तुत पक्तियों की सप्रंसग व्याख्या करें

जाने क्या रिश्ता है, जाने क्या नाता है

जितना भी उँडेलता हूँ, भर-भर फिर आता है

दिल में क्या झरना है?

मीठे पानी का सोता है

भीतर वह, ऊपर तुम

मुस्काता चाँद ज्यों धरती पर रात-भर

मुझ पर त्यों तुम्हारा ही खिलता वह चेहरा है।

कवि अपने दिल की तुलना किससे करता है और क्यों?

ऊपर कौन है?

कवि किससे प्रभावित है?

प्रस्तुत पक्तियों की सप्रंसग व्याख्या करें

सचमुच मुझे दंड दो कि

भूलूँ मैं

प्ले मैं

तुम्हें भूल जाने की

दक्षिण ध्रुवि अंधकार अमावस्या

शरीर पर, चेहरे पर, अंतर में पालूँ मैं

झेलूँ मैं, उसी में नहा लूँ मैं

इसलिए कि तुमसे ही परिवेष्टित आच्छादित

रहने का रमणीय यह उजेला अब

सहा नहीं जाता है।

नहीं सहा जाता है।

कवि अपने लिए किस प्रकार का दंड चाहता है?

कवि अपने जीवन में क्या चाहता है और क्यों?