‘बादल राग’ कविता का प्रतिपाद्य लिखिए।
‘बादल राग’ शीर्षक कविता निराला जी की एक प्रसिद्ध ओजस्वी रचना है। कवि ने बादल को क्रांति का प्रतीक माना है। वह शोषित वर्ग के हित में उसका आह्वान करता है। क्रांति के प्रतीक बादलों को देखकर पूँजीपति वर्ग भयभीत हो जाता है और किसान मजदूर उसे आशा भरी दृष्टि से देखते हैं। बड़े-बड़े महलों में रहने वाले धनिक आतंक फैलाने का प्रयास करते है पर क्रांति के स्वर उन्हे भी कंपित कर देते हैं। शोषित वर्ग इस क्रांति से लाभान्वित होता है। अत: समाज में उनका सही अधिकार दिलाने के लिए क्रांति की आवश्यकता है।
इस कविता में कवि ने सामाजिक एवं आर्थिक वैषम्य का यथार्थ चित्रण किया है। सामाजिक विषमता को मिटाने के लिए आर्थिक विषमता मिटानी आवश्यक है।