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सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’

Question
CBSEENHN12026284

इस कविता में बादल के लिए ऐ विप्लव के वीर!, ऐ जीवन के पारावार! जैसे संबोधनों का इस्तेमाल किया गया है। बादल राग कविता के शेष पाँच खंडों में भी कई संबोधनों का इस्तेमाल किया गया है। जैसे- अरे वर्ष के हर्ष!, मेरे पागल बादल!, ऐ निर्बंध!, ऐ स्वच्छंद!, ऐ उद्दाम!, ऐ सम्राट!, ऐ विप्लव के प्लावन!, ऐ अनंत के चंचल शिशु सुकुमार! उपर्युक्त संबोधनों की व्याख्या करें तथा बतायें बादल के लिए इन संबोधनों का क्या औचित्य है?

Solution

अरे वर्ष के हर्ष: बादल वर्ष भर के बाद वर्षा ऋतु में आते हैं अत: हर्ष के कारण होते हैं। यह संबोधन उचित ही है।

मेरे पागल बादल: कवि का बादल को पागल कहना सही है। बादल पागलपन की हद तक मस्त होते हैं।

ऐ निर्बंध: बादल सर्वथा स्वच्छंद होते हैं, किसी बंधन में नहीं बँधते अत: यह संबोधन भी उचित है।

ऐ उद्दाम: बादल उच्छृंखल और निरंकुश होते हैं। वे अपनी मर्जी के मालिक होते है अत: यह संबोधन सही है।

ऐ सम्राट.: बादल बादशाह के समान होते हैं। वे शासन करते है, मानते नहीं।

ऐ विप्लव के प्लावन: बादल विप्लव को लाते हैं अत: यह संबोधन सटीक है।

ऐ अनंत के चंचल शिशु सुकुमार: बादल चंचल शिशु के समान सुकुमार भी होते हैं अत: यह संबोधन उचित है।

Some More Questions From सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ Chapter

कवि ने बादल का ही आह्वान क्यों किया है?

क्रांति की गर्जना का क्या प्रभाव पड़ता है।

दिये गये काव्यांशों की सप्रसंग व्याख्या करें
बार-बार गर्जन,

वर्षण है मूसलाधार

हृदय थाम लेता संसार

सुन-सुन घोर वज्र-हुंकार।

अशनि-पात से शायित उन्नत शत-शत-वीर,

क्षत-विक्षत-हत अचल-शरीर,

गगन-स्पर्शी स्पर्धा-धीर।

कवि ने बादलों का आहान क्यों किया है?

बादलों की गर्जना का संसार पर क्या प्रभाव पड़ता है?

कवि ने बादलों की क्या-क्या विशेषताएँ बताई हैं?

‘गगन स्पर्शी, स्पर्धावीर’ का आशय स्पष्ट करो।

दिये गये काव्यांशों की सप्रसंग व्याख्या करें

हँसते हैं छोटे पौधे लधु भार-

शस्य अपार,

हिल-हिल,

खिल-खिल

हाथ हिलाते,

तुझे बुलाते,

तुझे बुलाते,

विप्लव-रव से छोटे ही हैं शोभा पाते।.




 

क्रांति की गर्जना पर कौन हंसते हैं?

छोटे पौधे किनके प्रतीक हैं?