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सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’

Question
CBSEENHN12026282

पूरी कविता में प्रकृति का मानवीकरण किया गया है। आपको प्रकृति का कौन-सा मानवीय रूप पसंद आया है? क्यों?

Solution

हँसते हैं छोटे पौधे लघुभार-

शस्य अपार

हिल-हिल

खिल-खिल

हाथ हिलाते

तुझे बुलाते

इस काव्यांश मे छोटे-छोटे पौधों का शोषित वर्ग के रूप मे मानवीकरण किया गया है। वे क्रांति के उगने की संभावना से हँसते हैं अर्थात् खुश हैं। वे हाथ हिला-हिलाकर क्रांति का आह्वान करते जान पड़ते हैं। यह कल्पना अत्यंत मनोरम है।

Some More Questions From सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ Chapter

इस कविता में किसे संबोधित किया गया है?

कवि ने दुख की छाया की तुलना किससे की है और क्यों?

कवि ने बादल का ही आह्वान क्यों किया है?

क्रांति की गर्जना का क्या प्रभाव पड़ता है।

दिये गये काव्यांशों की सप्रसंग व्याख्या करें
बार-बार गर्जन,

वर्षण है मूसलाधार

हृदय थाम लेता संसार

सुन-सुन घोर वज्र-हुंकार।

अशनि-पात से शायित उन्नत शत-शत-वीर,

क्षत-विक्षत-हत अचल-शरीर,

गगन-स्पर्शी स्पर्धा-धीर।

कवि ने बादलों का आहान क्यों किया है?

बादलों की गर्जना का संसार पर क्या प्रभाव पड़ता है?

कवि ने बादलों की क्या-क्या विशेषताएँ बताई हैं?

‘गगन स्पर्शी, स्पर्धावीर’ का आशय स्पष्ट करो।

दिये गये काव्यांशों की सप्रसंग व्याख्या करें

हँसते हैं छोटे पौधे लधु भार-

शस्य अपार,

हिल-हिल,

खिल-खिल

हाथ हिलाते,

तुझे बुलाते,

तुझे बुलाते,

विप्लव-रव से छोटे ही हैं शोभा पाते।.