-->

डायरी का एक पन्ना

Question
CBSEENHN10002486

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिये-
लोग अपने-अपने मकानों व सार्वजनिक स्थलों पर राष्ट्रीय झंडा फहराकर किस बात का संकेत देना चाहते थे?

Solution

लोग अपने-अपने मकानों व सार्वजनिक स्थलों पर राष्ट्रीय झंडा फहराकर अपनी देशभक्ति का प्रमाण बताना चाहते थे कि वे अपने को आज़ाद समझ कर आज़ादी मना रहे हैं। उनमें जोश और उत्साह है।

Some More Questions From डायरी का एक पन्ना Chapter

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) दीजिए-
'आज जो बात थी वह निराली थी' - किस बात से पता चल रहा था कि आज का दिन अपने आप में निराला है? स्पष्ट कीजिए।

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) दीजिए-
पुलिस कमिश्नर के नोटिस और कौंसिल के नोटिस में क्या अंतर था?

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) दीजिए-
धर्मतल्ले के मोड़ पर आकर जुलूस क्यों टूट गया?

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) दीजिए-
डॉ. दासगुप्ता जुलूस में घायल लोगों की देख-रेख तो कर ही रहे थे, उनके फ़ोटो भी उतरवा रहे थे। उन लोगों के फ़ोटो खींचने की क्या वजह हो सकती थी? स्पष्ट कीजिए।

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) दीजिए-
सुभाष बाबू के जुलूस में स्त्री समाज की क्या भूमिका थी?

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) दीजिए-
जुलूस के लालबाज़ार आने पर लोगों की क्या दशा हुई?

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) दीजिए-
'जब से कानून भंग का काम शुरू हुआ है तब से आज तक इतनी बड़ी सभा ऐसे मैदान में नहीं की गई थी और यह सभा तो कहना चाहिए कि ओपन लड़ाई थी।' यहाँ पर कौन से और किसके द्वारा लागू किए गए कानून को भंग करने की बात कही गई है? क्या कानून भंग करना उचित था? पाठ के संदर्भ में अपने विचार प्रकट कीजिए।

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) दीजिए-
बहुत से लोग घायल हुए, बहुतों को लॉकअप में रखा गया, बहुत-सी स्त्रियाँ जेल गईं, फिर भी इस दिन को अपूर्व बताया गया है। आपके विचार में यह सब अपूर्व क्यों है? अपने शब्दों में लिखिए।

निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए-
आज तो जो कुछ हुआ वह अपूर्व हुआ है। बंगाल के नाम या कलकत्ता के नाम पर कलंक था कि यहाँ काम नहीं हो रहा है वह आज बहुत अंश में धुल गया।

निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए-
खुला चैलेंज देकर ऐसी सभा पहले कहीं नहीं की गई थी।