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स्वयं प्रकाश - नेताजी का चश्मा

Question
CBSEENHN10002234

निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिये:
पूरी बात तो अब पता नहीं, लेकिन लगता है कि देश के अच्छे मूर्तिकारों की जानकारी नहीं होने और अच्छी मूर्ति की लागत अनुमान और उपलब्ध बजट से कहीं बहुत ज़्यादा होने के कारण काफी समय ऊहापोह और चिट्ठी पत्री में बरबाद हुआ होगा और बोर्ड की शासनावधि समाप्त की घड़ियों में किसी स्थानीय कलाकार को ही श्वसर देने का निर्णय किया होगा और अंत में कस्बे के इकलौते हाई स्कूल के इकलौते ड्राइंग मास्टर-मान लीजिए मोतीलाल जी - को ही यह काम सौंप दिया गया होगा, जो महीने-भर में मूर्ति बनाकर 'पटक देने’ का बिश्वास दिला रहे थे।

नेता जी की मूर्ति किसी अच्छे मूर्तिकाल से क्यों नहीं बनवाई गई थी?
  • अच्छे मूर्तिकार की जानकारी नहीं थी
  • धन की कमी थी
  • कोई अच्छा मूर्तिकार ही नहीं था
  • अच्छे मूर्तिकार समय पर काम पूरा नहीं कर रहे थे।

Solution

A.

अच्छे मूर्तिकार की जानकारी नहीं थी

Some More Questions From स्वयं प्रकाश - नेताजी का चश्मा Chapter

आशय स्पष्ट कीजिए
“बार-बार सोचते, क्या होगा उस कौम का जो अपने देश की खातिर घर-गृहस्थी-जवानी-ज़िन्दगी सब कुछ होम देने वालों पर हँसती है और अपने लिए बिकने के मौके ढूँढ़ती है।”

पानवाले का एक रेखाचित्र प्रस्तुत कीजिए।

“वो लँगड़ा क्या जाएगा फ़ौज में। पागल है पागल!”
कैप्टन के प्रति पानवाले की इस टिप्पणी पर आपकी क्या प्रतिक्रिया लिखिए

निम्नलिखित वाक्य पात्रों की कौन-सी विशेषता की ओर संकेत करते हैं-
हालदार साहब हमेशा चौराहे पर रुकते और नेताजी को निहारते।

निम्नलिखित वाक्य पात्रों की कौन-सी विशेषता की ओर संकेत करते हैं-
पानवाला उदास हो गया। उसने पीछे मुड़कर मुँह का पान नीचे थूका और सिर झुकाकर अपनी धोती के सिरे से आँखें पोंछता हुआ बोला-साहब! कैप्टन मर गया।

निम्नलिखित वाक्य पात्रों की कौन-सी विशेषता की ओर संकेत करते हैं-
कैप्टन बार-बार मूर्ति पर चश्मा लगा देता था।

जब तक हालदार साहब ने कैप्टन को साक्षात् देखा नहीं था तब तक उनके पास मानस पटल पर उसका कौन-सा चित्र रहा होगा, अपनी कल्पना से लिखिए।

कस्बों, शहरों, महानगरों के चौराहों पर किसी-न-किसी क्षेत्र के प्रसिद्‌ध व्यक्ति की मूर्ति लगाने का प्रचलन-सा हो गया है।
इस तरह की मूर्ति लगाने का क्या उद्देश्य हो सकते हैं?

कस्बों, शहरों, महानगरों के चौराहों पर किसी-न-किसी क्षेत्र के प्रसिद्‌ध व्यक्ति की मूर्ति लगाने का प्रचलन-सा हो गया है।
आप अपने इलाके के चौराहे पर किस व्यक्ति की मूर्ति स्थापित करवाना चाहेंगे और क्यों?

कस्बों, शहरों, महानगरों के चौराहों पर किसी-न-किसी क्षेत्र के प्रसिद्‌ध व्यक्ति की मूर्ति लगाने का प्रचलन-सा हो गया है-
उस मूर्ति के प्रति आपके एवं दूसरे लोगों के क्या उत्तरदायित्व होने चाहिए?