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रामवृक्ष बेनीपुरी- बालगोबिन भगत

Question
CBSEENHN10002278

बचपन में लेखक पक्का ब्राह्‌मण बनने के लिए क्या करता था?

Solution
बचपन में लेखक को स्वयं पर बहुत गर्व था क्योंकि वह एक ब्राहमण था। बाहूमण ही बहूम को जानता है। लेखक भी पक्का ब्राहमण बनने के लिए बहूम को जानना चाहता था। इसलिए वह संध्या करता, गायत्री का जाप करता, धूप-हवन करता तथा चंदन का तिलक लगाता था। लेखक उन सभी क्रियाओं में बढ़-चढ़ कर भाग लेता जिससे उसका ब्राह्मणत्व सिद्ध हो। उसने अपने ब्राह्मणत्व में गाँव के कई ऐसे लोगों के पैर छूने भी छोड़ दिए थे जो बाहूमण नहीं थे।

Some More Questions From रामवृक्ष बेनीपुरी- बालगोबिन भगत Chapter

धान की रोपाई के समय समूचे माहौल को भगत की स्वर लहरियाँ किस तरह चमत्कृत कर देती थी? उस माहौल का शब्द चित्र प्रस्तुत करें।

पाठ के आधार पर बताएँ कि बालगोबिन भगत की कबीर पर श्रद्धा किन-किन रूपों में प्रकट हुई है?

आपकी दृष्टि में भगत की कबीर पर अगाध श्रद्धा के क्या कारण रहे होंगे?

गाँव का सामाजिक-सांस्कृतिक परिवेश आषाढ़ चढ़ते ही उल्लास से क्यों भर जाता है?

“ऊपर की तस्वीर से यह नहीं माना जाए कि बालगोबिन भगत साधु थे।” क्या साधु की पहचान पहनावे के आधार पर की जानी चाहिए? आप किन आधारों पर यह सुनिश्चित करेंगे कि अमुक व्यक्ति ‘साधु’ है?

मोह और प्रेम में अंतर होता है। भगत के जीवन की किस घटना के आधार पर आप इस कथन को सच सिद्ध करेंगे?

इस पाठ में आए कोई दस क्रियाविशेषण छाँटकर लिखिए और उनके भेद भी बताइए। 

पाठ में ऋतुओं के बहुत ही सुंदर शब्द-चित्र उकेरे गए हैं। बदलते हुए मौसम को दर्शाते हुए चित्र/फोटो का संग्रह कर एक अलबम तैयार करें।

पाठ में आषाढ़, भादों, माघ आदि में विक्रम संवत कलैंडर के मासों के नाम आए हैं। यह कलैंडर किस माह से आरंभ होता है? महीनों की सूची तैयार करें।

कार्तिक के आते ही भगत ‘प्रभाती’ गाया करते थे। प्रभाती प्रात:काल गाए जाने वाले गीतों को कहते हैं। प्रभाती गायन का संकलन करें व संगीतमय प्रस्तुति कीजिये