Question
निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिये
छोटे से जीवन की कैसे बड़ी कथाएँ आज कहूँ?
क्या यह अच्छा नहीं कि औरों की सुनता मैं मौन रहूँ?
सुनकर क्या तुम भला करोगे मेरी भोली आत्म-कथा?
अभी समय भी नहीं, थकी सोई है मेरी मौन व्यथा।
अवतरण में निहित भाव स्पष्ट कीजिए ।
Solution
कवि अपनी कथा को दूसरों के सामने प्रकट नहीं करना चाहता था। उसे लगता था कि उसकी पीड़ा भरी कहानी किसी को सुख नहीं दे पाएगी इसलिए उसके लिए यही अच्छा था कि वह दूसरों की कहानी को केवल सुने और अपनी कथा को अपने मन में छिपा कर रखे।