Question
निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिये:
मधुप गुन-गुना कर कह जाता कौन कहानी यह अपनी,
मुरझाकर गिर रहीं पत्तियाँ देखो कितनी आज धनी।
इस गंभीर अनंत-नीलिमा में असंख्य जीवन-इतिहास
यह लो, करते ही रहते हैं अपना व्यंग्य-मलिन उपहास
तब भी कहते हो-कह डालूँ दुर्बलता अपनी बीती।
तुम सुनकर सुख पाओगे, देखोगे-यह गागर रीती।
‘अनंत-नीलिमा’ और ‘असंख्य जीवन इतिहास’ क्या है?
Solution
‘अनंत-नीलिमा’ जीवन का अंतहीन विस्तार है। मनुष्य अपने मन में न जाने कौन-कौन से विचार हर समय उत्पन्न होते हुए अनुभव करता है। वे यदि सुखद होते हैं तो दुःखद भी होते हैं। ‘अनंत-नीलिमा’ लाक्षणिक शब्द है, जो अपने भीतर व्यापकता के भावों को छिपाए हुए है। ‘असंख्य जीवन इतिहास’ मानव-मन में उत्पन्न विभिन्न विचार हैं जो तरह-तरह की घटनाओं के घटित होने के आधार बने।