Question
चाँदनी रात के उस रूप का वर्णन कीजिए, जिसे कवि ने अपने कवित्त में वर्णित किया है ?
Solution
चाँदनी रात सुंदरता की पर्याय है जिसकी आभा ने सारे संसार को सुंदरता प्रदान बार दी है स्फटिक की शिलाओं से अमृत-सा उज्ज्वल भवन जगमगा उठता है और दही रूपी सागर की तरंगें अपार मात्रा में उमग जाती हैं। दूध की झाग-सी चाँदनी इस प्रकार सब ओर फैल जाती है कि बाहर-भीतर की दीवारें तक दिखाई नहीं देती। गन और फर्श चाँदनी-से नहा उठते है। तारे-सी सुंदर राधा चाँदनी में झिलमिलाती हुई ऐसी प्रतीत होती है जैसे मोती की आभा में मल्लिका के पराग की सुगंध मिली हो। आइने जैसे साफ-स्वच्छ आकाश में आभा चाँदनी फैल जाती है। चंद्रमा की जगमगाहट राधा के प्रतिबिंब का ही रूप है।