Question
निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिये:
ऊधौ, तुम हौ अति बड़भागी।
अपरस रहत सनेह तगा तैं, नाहिन मन अनुरागी।
पुरइनि पात रहत जल भीतर, ता रस देह न दागी।
ज्यौं जल माहँ तेल की गागरि, बूँद न ताकौं लागी।
प्रीति-नदी मैं पाउँ न बोरयौ, दृष्टि न रूप परागी।
‘सूरदास’ अबला हम भोरी, गुर चाँटी ज्यौं पागी।
उद्धव के व्यहवार की तुलना किस-किस से की गई है?
Solution
उद्धव के व्यवहार की तुलना पानी पर तैरते कमल के पत्ते और जल में पड़ी तेल भरी गगरी से की गई है। दोनों पर जल का कोई प्रभाव नहीं पड़ता उद्धव सब प्रकार से अनासक्त था।