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सूरदास - पद

Question
CBSEENHN10001465

निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रशनों के उत्तर दीजिये 
हमारैं हरि हारिल की लकरी।
मन क्रम बचन नंद-नंदन उर, यह दृढ़ करि पकरी।
जागत सोवत स्वप्न दिवस-निसि, कान्ह-कान्ह जक री।
सुनत जोग लागत है ऐसौ, ज्यौं करुई ककरी।
सु तौ व्याधि हमकौं लै आए, देखी सुनी न करो।
यह तो ‘सूर’ तिनहिं लै सौंपो, जिन के मन चकरी।।

गोपियां कब-कब श्रीकृष्ण को रटती थी?
अथवा
गोपियों को रात-दिन किस बात की रट लगी रहती है? क्यों?

Solution
गोपियां श्रीकृष्ण को जागते, सोते, स्वप्न या प्रत्यक्ष में सदा रटती रहती थीं क्योंकि वे उन्हें पाना चाहती थीं।

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