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भोर और बरखा

Question
CBSEENHN7000410

पढ़े हुए पद के आधार पर ब्रज की भोर का वर्णन कीजिए।

Solution

प्रस्तुत पद में ब्रज की सुबह का अत्यंत मनोहर वर्णन प्रस्तुत किया गया है। ब्रज में भोर होते ही घर-घर के दरवाज़ें खुल जातें हैं, गोपियों के कंगना के झंकार से ऐसा प्रतीत होता है मानो ब्रज की सभी गोपियाँ दही मथने की क्रिया में मग्न है। साधु-संत जन द्वार पर भीक्षा मांग रहे हैं। सभी ग्वाल-बाल जयकार कर रहे हैं। उनके हाथ में माखन रोटी है और वे गायों को चराने के लिए ले जा रहे हैं।

Some More Questions From भोर और बरखा Chapter

‘बंसीवारे ललना’, ‘मोरे प्यारे’, ‘लाल जी’, कहते हुए यशोदा किसे जगाने का प्रयास करती हैं और वे कौन-कौन सी बातें कहती हैं?

नीचे दी गई पंक्ति का आशय अपने शब्दों में लिखिए-

‘माखन-रोटी हाथ मँह लीनी, गउवन के रखवारे।’

पढ़े हुए पद के आधार पर ब्रज की भोर का वर्णन कीजिए।

मीरा को सावन मनभावन क्यों लगने लगा ?

पाठ के आधार पर सावन की विशेषताएँ लिखिए।

मीरा भक्तिकाल की प्रसिद्ध कवयित्री थीं। इस काल के दूसरे कवियों के नामों की सूची बनाइए तथा उनकी एक-एक रचना का नाम लिखिए।

सावन वर्षा ऋतु का महीना है, वर्षा ऋतु से संबंधित दो अन्य महीनों के नाम लिखिए।

कृष्ण को ‘गउवन के रखवारे’ कहा गया है जिसका अर्थ है गौओं का पालन करनेवाले। इसके लिए एक शब्द दें।