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मिठाईवाला

Question
CBSEENHN7000316

विजय बाबू एक ग्राहक थे और मुरलीवाला एक विक्रेता। दोनों अपने-अपने पक्ष के समर्थन में क्या तर्क पेश करते हैं ?

Solution

एक ग्राहक के रूप में विजय बाबू अपना तर्क पेश करते हुए कहते है कि तुम लोगों को झुठ बोलने की आदत होती है। सबको एक ही भाव से सामान बेचते हो ग्राहक को अधिक दाम बताकर उलटा ग्राहक पर ही एहसान का बोझ लाद देते हो।

एक विक्रेता के रूप में मुरलीवाला अपना तर्क पेश करता हुआ कहता है – आपको चीज़ों की असली लागत का अंदाजा नहीं है इसलिए दुकानदार चाहे हानि उठाकर ही चीज़ें क्यों न बेचे पर ग्राहक को हमेशा यही लगता है कि हम उन्हें लूट रहे हैं। ग्राहक को दुकानदार पर विश्वास नहीं होता है। मुरलीवाला कहता है कि असली दाम – दो पैसा ही है, मैंने पूरी एक हज़ार बनवाई थी।

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‘अब इस बार ये पैसे न लूँगा’-कहानी के अंत में मिठाईवाले ने ऐसा क्यों कहा ?

इस कहानी में रोहिणी चिक के पीछे से बात करती है। क्या आज भी औरतें चिक के पीछे से बात करती हैं? यदि करती हैं तो क्यों? आपकी राय में क्या यह सही है?

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हाट-मेले, शादी आदि आयोजनों में कौन-कौन सी चीज़ें आपको सबसे ज़्यादा आकर्षित करती हैं? उनको सजाने-बनाने में किसका हाथ होगा? उन चेहरों के बारे में लिखिए।

 

  • ऊपर ‘वाला’ का प्रयोग है। अब बताइए कि-

(क) ‘वाला’ से पहले आने वाले शब्द संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण आदि में से क्या हैं?

(ख) ऊपर लिखे वाक्यांशों में उनका क्या प्रयोग है?

मिठाईवाला                

बोलनेवाली गुड़िया

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