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रीढ़ की हड्डी

Question
CBSEENHN9001199

'रीढ़ की हड्डी' शीर्षक की सार्थकता स्पष्ट कीजिए ।

Solution

यह शीर्षक एकांकी की भावना को व्यक्त करने के लिए बिल्कुल सही है। इस शीर्षक में समाज की सड़ी-गली मानसिकता को व्यक्त किया गया है तथा उस पर प्रहार किया है। क्योंकि रीढ़ शरीर का मुख्य हिस्सा होता है, वही उसको सीधा रखने में मदद करता है। उसमें लचीलापन होता है, जो शरीर को मुड़ने, बैठने, झुकने कूदने में मदद करता है। इस लचीलेपन के कारण ही शरीर हर कार्य करने में सक्षम है। व्यायाम के माध्यम से हम रीढ़ की हड्डी के लचीलेपन को बनाए रखते हैं। उसी तरह समय के अनुसार पुरानी रीतियों और परंपराओं का बदलना आवश्यक है। यह समय की माँग होती है। जब यह रीतियाँ या परंपराएँ मनुष्य के हित के स्थान पर उसका अहित करने लगे, तो वे विकार बन जाती हैं। यह एंकाकी समाज में व्याप्त इन विकारों पर कटाक्ष करता है। हमारा समाज इन मानसिकताओं का गुलाम बनकर बिना रीढ़ वाला शरीर हो जाता है। दूसरी तरफ़ यहाँ शंकर जैसे लड़कों से भी यही तात्पर्य है बिना रीढ़ का। इस प्रकार के लड़कों का अपना कोई व्यक्तित्व नहीं होता और न ही इनका कोई चरित्र होता है। ये सारी उम्र दूसरों के इशारों पर ही चलते हैं। ये लोग समाज के ऊपर बोझ के सिवाए कुछ नहीं होते। इसलिए उमा ने इसे बिना रीढ़ की हड्डी वाला कहा है।