'रस्सी' यहाँ किसके लिए प्रयुक्त हुआ है और वह कैसी है?
रस्सी यहाँ पर मानव के नाशवान शरीर के लिए प्रयुक्त हुई है और यह रस्सी कब टूट जाए कहा नहीं जा सकता है। यह कच्चे धागे की भाँति है जो कभी भी साथ छोड़ सकता है ।
'रस्सी' यहाँ किसके लिए प्रयुक्त हुआ है और वह कैसी है?
रस्सी यहाँ पर मानव के नाशवान शरीर के लिए प्रयुक्त हुई है और यह रस्सी कब टूट जाए कहा नहीं जा सकता है। यह कच्चे धागे की भाँति है जो कभी भी साथ छोड़ सकता है ।
भाव स्पष्ट कीजिए -
जेब टटोली कौड़ी न पाई।
भाव स्पष्ट कीजिए-
खा-खाकर कुछ पाएगा नहीं,
न खाकर बनेगा अंहकारी।
बंद द्वार की साँकल खोलने के लिए ललदय ने क्या उपाय सुझाया है?
ईश्वर प्राप्ति के लिए बहुत से साधक हठयोग जैसी कठिन साधना भी करते हैं, लेकिन उससे भी लक्ष्य प्राप्ति नहीं होती। यह भाव किन पंक्तियों में व्यक्त हुआ है?
'ज्ञानी' से कवयित्री का अभिप्राय है?
हमारे संतों, भक्तों और महापुरुषों ने बार-बार चेताया है कि मनुष्यों में परस्पर किसी भी प्रकार का कोई भेदभाव नहीं होता, लेकिन आज भी हमारे समाज में भेदभाव दिखाई देता है -
आपकी दृष्टि में इस कारण देश और समाज को क्या हानि हो रही है?
हमारे संतों, भक्तों और महापुरुषों ने बार-बार चेताया है कि मनुष्यों में परस्पर किसी भी प्रकार का कोई भेदभाव नहीं होता, लेकिन आज भी हमारे समाज में भेदभाव दिखाई देता है -
आपसी भेदभाव को मिटाने के लिए अपने सुझाव दीजिए।
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