निम्नलिखित काव्याशं को पढ़कर पूछे गए प्रशनों के उत्तर दीजिये:
सिंह पौर तक भी आँगन से
नहीं पहुँचने मैं पाया,
सहसा यह सुन पड़ा कि-”कैसे
यह अछूत भीतर आया?
पकड़ो देखो भाग न जावे
बना धूर्त यह है कैसा;
साफ-स्वच्छ परिधान किए है,
भले मानुषों के जैसा !
सुखिया के पिता ने क्या आवाज सुनी?
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अछूत मंदिर के भीतर कैसे-पहुँचा?
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पकड़ो दुष्ट, जाने न पाएँ।
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पकडो़! पकडो़!
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जल्दी से पकड़ लो
A.
अछूत मंदिर के भीतर कैसे-पहुँचा?