निम्नलिखित काव्याशं को पढ़कर पूछे गए प्रशनों के उत्तर दीजिये:
ऊँचे शैल-शिखर के ऊपर
मंदिर था विस्तीर्ण विशाल;
स्वर्ण-कलश सरसिज विहसित थे
पाकर समुदित रवि- कर- जाल।
दीप- धूप से आमोदित था
मंदिर का आँगन सारा;
गूँज रही थी भीतर- बाहर
मुखरित उत्सव की धारा।
मंदिर के कलश किसके बने हुए थे?
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चाँदी
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पीतल
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ताँवा
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स्वर्ण
D.
स्वर्ण