Question
(ग) निम्नलिखित का आशय स्पष्ट किजिए-
अब तो, आपका पूजा-पाठ न देखा जाएगा आपकी भलमनसाहत की कसौटी केवल आपका आचरण होगी।
Solution
आशय-इस सूक्ति का अर्थ है-धर्म ईश्वर की प्राप्ति का सीधा मार्ग है। यह आत्मा व परमात्मा के मिलन की कड़ी है। पूजा पाठ को ढोंग, आडम्बर और धूर्तता समझा जाता है। भले ही पाँचों वक्त नमाज पढ़ी जाए। दूसरों को गलत मार्ग का अनुसरण करने के लिए प्रेरित कर स्वार्थ सिद्ध किया जाए अपना आचरण न सुधारा जाए तो रोजा, नमाज, पूजा सब व्यर्थ हो जाएगा। यदि हमारा आचरण शुद्ध है तो धर्म का वास्तविक मूल्य सिद्ध होता है। मनुष्य की कसौटी उसकी मनुष्यता है न कि धर्म। धर्म तो शुद्ध आचरण और सदाचार का एक मार्ग है जिस पर चलकर ईश्वर की साधना की जा सकती है।