धर्म की आड़ - गणेशशंकर विद्यार्थी

Question
CBSEENHN9000624

(ग) निम्नलिखित का आशय स्पष्ट किजिए-
तुम्हारे मानने ही से मेरा ईश्वरत्व कायम नहीं रहेगा, दया करके मनुष्यत्व को मानो, पशु बनना छोड़ो और आदमी बनो!

Solution

आशय-वे लोग जिन्हें नास्तिक कहा जाता है कहीं अच्छे हैं क्योंकि वे दूसरों का सुख चाहते हैं। उनके विचार अच्छे व ऊंचे हैं उनका आचरण दूसरों के हृदय को ठेस नहीं पहुँचाता केवल ईश्वर की पूजा अर्चना ही ईश्वरत्व नहीं है। मानव कल्याण का मार्ग धर्म का मार्ग है। पशुत्व भावनाओं का त्याग करना होगा और आदमी बनकर आदमीयता को समझना होगा। मनुष्यत्व ही है जो धर्म की धार्मिकता को बनाए रखता है। मनुष्यता कल्याण का मार्ग प्रशस्त करती है। पशुता स्वार्थ की भावना को बढ़ावा देती है। ये मनुष्य को ही सोचना होगा कि वह किसे धर्म बनाए।

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