निम्नलिखित शब्दों की बनावट को ध्यान से देखिए और इनका पाठ से भिन्न किसी नए प्रसंग में वाक्य प्रयोग कीजिए-
आकर्षक यथार्थ तटस्थता कलाभिज्ञ पदचिह्न
अंकित तृप्ति सनातन लुप्त जाग्रत
घृणास्पद युक्तिशून्य वृत्ति
आकर्षक यथार्थ तटस्थता कलाभिज्ञ पदचिह्न
अंकित तृप्ति सनातन लुप्त जाग्रत
घृणास्पद युक्तिशून्य वृत्ति
आकर्षक - नायक के आकर्षक व्यक्तित्व को देखकर सभी दर्शक प्रभावित हुए बिना न रह सके।
यथार्थ - हमें कल्पना नहीं यथार्थ को महत्व देना चाहिए।
तटस्थता - न्याय करते हुए हमें तटस्थता की नीति अपनानी चाहिए।
कलाभिज्ञ - प्रदर्शनी में बड़े-बड़े कलाभिज्ञों ने उपस्थित होकर अपने विचार प्रस्तुत किए।
पदचिहन - महापुरुषों के पद्चिहनों पर चलकर ही हम अपना जीवन महान बना सकते हैं।
अंकित - नेताजी का नाम हमारे देश के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में अंकित है।
तृप्ति - स्वादिष्ट भोज पाकर संन्यासी को तृप्ति हुई।
सनातन - हमें अपनी सनातन परम्पराओं का पालन करना चाहिए।
लुप्त - आज शेर संसार से धीरे-धीरे लुप्त होते जा रहे हैं।
जाग्रत - आज भारत अपने विकास के लिए जाग्रत हो चुका है।
घृणास्पद - कीचड से लथपथ मनुष्य घृणास्पद प्रतीत होता है।
युक्तिशून्य - नेताजी के सभी तर्क युक्तिशून्य थे।
वृत्ति - मदन विनम्र वृत्ति का बालक है।