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वैज्ञानिक चेतना के वाहक चनद्रशेखर वेंकट रामन - धीरंजन मालवे

Question
CBSEENHN9000561

प्रस्तुत पाठ में आए अनुस्वार और अनुनासिक शब्दों को निम्न तालिका में लिखिए-
       अनुस्वार                                        अनुनासिक
(क) अंदर                                 (क)  ढूँढ़ते                     
(ख) ....................                  (ख) ......................... 
(ग) .....................                  (ग) .........................
(घ) .....................                  (घ) ........................
(ङ) ....................                  (ङ)........................

Solution

(ख) रंग                         (ख) जहाँ
(ग) प्रेसीडेंसी                    (ग) जाएँ
(घ) संस्था                       (घ) पहुँचना
(ङ) वेंकटरामन्                (ङ) सुविधाएँ

Some More Questions From वैज्ञानिक चेतना के वाहक चनद्रशेखर वेंकट रामन - धीरंजन मालवे Chapter

निन्नलिखित गद्यांशों को पढ़कर पूछे गये प्रशनों के उत्तर दीजिए-
कलकत्ता में सरकारी नौकरी के दौरान उन्होंने अपने स्वाभाविक रुझान को बनाए रखा। दफ़्तर से फुर्सत पाते ही वे लौटते हुए बहू बाज़ार आते, जहाँ ‘इंडियन एसोसिएशन फॉर द कल्टीवेशन ऑफ साइंस’ की प्रयोगशाला थी। यह अपने आप में एक अनूठी संस्था थी, जिस कलकत्ता के एक डॉक्टर महेंद्रलाल सरकार ने वर्षों की कठिन मेहनत और लगन के बाद खड़ा किया था। इस संस्था का उद्देश्य था देश में वैज्ञानिक चेतना का विकास करना अपने महान् उद्देश्यों के बावजूद इस संस्था के पास साधनों का नितांत अभाव था। रामन् इस संस्था की प्रयोगशाला में कामचलाऊ उपकरणों का इस्तेमाल करते हुए शोधकार्य करते। यह अपने आपमें एक आधुनिक हठयोग का उदाहरण था, जिसमें एक साधक दफ्तर में कड़ी मेहनत के बाद बहू बाजार की इस मामूली-सी प्रयोगशाला में पहुँचता और अपनी इच्छाशक्ति के जोर से भौतिक विज्ञान को समृद्ध बनाने के प्रयास करता। उन्हीं दिनों वे वाद्ययंत्रों की ओर आकृष्ट हुए। वे वाद्ययंत्रों की ध्वनियों के पीछे छिपे वैज्ञानिक रहस्यों की परतें खोलने का प्रयास कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने अनेक वाद्ययंत्रों का अध्ययन किया जिनमें देशी और विदेशी, दोनों प्रकार के वाद्ययंत्र थे।  प्रशन:
(क) पाठ तथा लेखक का नाम लिखो।
(ख) रामन कलकत्ता में कहाँ प्रयोग करने जाते थे?
(ग) प्रयोगशाला को कामचलाऊ क्यों कहा गया है?
(घ) आधुनिक हठयोग किसे कहा गया है?
दफ़्तर

निन्नलिखित गद्यांशों को पढ़कर पूछे गये प्रशनों के उत्तर दीजिए-
रामन् ने अनेक ठोस रवों और तरल पदार्थों पर प्रकाश की किरण के प्रभाव का अध्ययन किया। उन्होंने पाया कि जब एकवर्णीय प्रकाश कि किरण किसी तरल या ठोस रवेदार पदार्थ से गुज़रती है तो गुज़रने के बाद उसके वर्ण में परिवर्तन आता है। वजह यह होती है कि एकवर्णीय प्रकाश कि किरण के फोटॉन जब तरल या ठोस रवे से गुजरते हुए इनके अणुओं से टकराते हैं तो इस टकराव के परिणामस्वरूप वे या तो ऊर्जा का कुछ अंश खो देते हैं या पा जाते हैं। दोनों ही स्थितियाँ प्रकाश के वर्ण (रंग) में बदलाव लाती है। एकवर्णीय प्रकाश की किरणों में सबसे अधिक ऊर्जा बैंजनी रंग के प्रकाश में होती है। बैंजनी के बाद क्रमश: नीले, आसमानी, हरे, पीले, नारंगी और लाल वर्ण का नंबर आता है। इस प्रकार लाल-वर्णीय प्रकाश की ऊर्जा सबसे कम होती है। एकवर्णीय प्रकाश तरल या ठोस रवों से गुजरते हुए जिस परिणाम में ऊर्जा खोता या पाता है, उसी हिसाब से उसका वर्ण परिवर्तित हो जाता है।
प्रसन:
(क) पाठ तथा लेखक का नाम लिखो।
ख) रामन ने पानी के रंग बदलने का कौन-सा कारण खोजा?
(ग) ठोस रवे या तरल पदार्थ से गुजरते समय प्रकाश के फोटॉन में क्या परिवर्तन होता है?
(घ) आप रंगों, की क्या विशेषता जानते है? दफ़्तर

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
रामन् भावुक प्रकृति प्रेमी के अलावा और क्या थे?

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
समुद्र को देखकर रामन् के मन में कौन-सी दो जिज्ञासाएँ उठीं?

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
रामन् के पिता ने उनमें किन विषयों की सशक्त नींव डाली?

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
वाद्ययंत्रों की ध्वनियों के अध्ययन के द्वारा रामन् क्या करना चाहते थे?

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
सरकारी नौकरी छोड़ने के पीछे  रामन् की क्या भावना थी?

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
'रामन्- प्रभाव’ की खोज के पीछे कौन-सा सवाल हिलोरों ले रहा था?

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
प्रकाश तरंगों के बारे में आइंस्टीन ने क्या बताया?

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
रामन् की खोज ने किन अध्ययननो को सहज बनाया?