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दुःख का अधिकार - यशपाल

Question
CBSEENHN9000458

भगवाना की माँ की चारित्रिक विशेषताएँ लिखिए।

Solution
भगवान की माँ एक अत्यन्त गरीब घर की विधवा बुढ़िया है। उसके घर को चलाने वाला एकमात्र उसका बेटा भगवाना सांप के काटने से मर जाता है। वह उसे बचाने की पूरी कोशिश करती है। उसे बचाने घर में जो बचा होता वह भी सब समाप्त हो जाता है, उसे अपने पुत्र, पुत्र वधू पोता-पोती से बहुत स्नेह करती है। परिवार के सदस्यों की भूख मिटाने के लिए वह पुत्र की मृत्यु के अगले ही दिन अपना दुःख भूलकर बाजार में खरबूजे बेचने आ जाती है। वह हर स्थिति का साहसपूर्वक सामना करने के लिए तैयार है। वह एक ममतामयी व साहसी महिला है।

Some More Questions From दुःख का अधिकार - यशपाल Chapter

निन्नलिखित प्रशनों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
(क) 
मुनुष्य के जीवन में पोशाक का क्या महत्व है?

निन्नलिखित प्रशनों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
पोशाक हमारे लिए कब बंधन और अड़चन बन जाती है?

(क) निन्नलिखित प्रशनों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
लेखक उस स्त्री के रोने का कारण क्यों नहीं जान पाया?

(क) निन्नलिखित प्रशनों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
भगवाना अपने परिवार का निर्वाह कैसे करता था?

(क) निन्नलिखित प्रशनों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
लड़के की मृत्यु के दूसरे ही दिन बुढ़िया खरबूज़े बेचने क्यों चल पड़ी?

(क) निन्नलिखित प्रशनों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
बुढ़िया के दु:ख को देखकर लेखक को अपने पड़ोस की सभ्रांत महिला की याद क्यों आई?

(ख) निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर (50-60 शब्दों मे) लिखिए:
बाज़ार के लोग खरबूज़े बेचनेवाली स्त्री के बारे में क्या-क्या कह रहे थे? अपने शब्दों में लिखिए।



(ख) निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर (50-60 शब्दों मे) लिखिए:
पास-पड़ोस की दुकानों से पूछने पर लेखक को क्या पता चला?

(ख) निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर (50-60 शब्दों मे) लिखिए:
लड़के को बचाने के लिए बुढ़िया माँ ने क्या-क्या उपाय किए?

(ख) निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर (50-60 शब्दों मे) लिखिए:
लेखक ने बुढ़िया के दुःख का अंदाज़ा कैसे लगाया?